भास्कर इंटरव्यू:शब्दों की आत्मा को अहसास की सांसों से जीना ही कविता; ये खुशबू मुट्‌ठी में बंद नहीं हो सकती

डॉ. वसीम बरेलवी बता रहे हैं आज क्यों जरूरी है कविता

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/312S7zS

Comments

Popular posts from this blog

कोरोना संकट:ब्राजील में बढ़तीं मौतों पर भी नहीं चेते 41 लाख लोग, नहीं ले रहे वैक्सीन की दूसरी डोज